आंख की दवा से पेट का इलाज

 ताकतवर कौन?


बादशाह जानना चाहता था कि क्या उसके मुल्क में कोई ऐसा आदमी भी है जो उससे ज्यादा ताकतवर है। उसने आफन्ती को बुलाया और पूछाः


"नसरूद्दीन आफन्ती, तुम मेरे मुल्क के सभी नगरों और गांवों में घूम चुके हो। बताओ, क्या मेरे मुल्क में कोई आदमी ऐसा भी है जो मुझसे ज्यादा ताकतवर हो?"


"बेशक ऐसे लोग लाखों की तादाद में हैं, जहांपनाह।"


आफन्ती ने झट जवाब दिया।


यह सुनकर बादशाह को बड़ा अचम्भा हुआ। उसने पूछाः


"वे लोग कौन हैं?"


"किसान।"


"कैसी बेहूदा बात कर रहे हो। मैंने तो समझा था कि तुम किसी बड़े आदमी का जिक्र कर रहे हो। हल चलाने वाले किसानों की भला क्या बिसात! आखिर वे मुझसे ज्यादा ताकतवर कैसे हो सकते हैं?"


"हां जहांपनाह, किसान आपसे कहीं ज्यादा ताकतवर हैं!" आफन्ती ने उत्तर दिया। "अगर वे आपके लिए अनाज न उगाएं, तो भला आपके अन्दर ताकत कहां से आ सकती है?"


आंख की दवा से पेट का इलाज


एक दिन एक मरीज कराहता हुआ आफन्ती के घर आ पहुंचा। दरवाजे के अन्दर घुसते ही वह जोर से चिल्लायाः


"हाय, मर गया! पेट में जोर से दर्द हो रहा है। जल्दी से कोई


दवा दे दीजिए! "


"तुम्हें क्या हो गया है? तुमने कोई गन्दी चीज तो नहीं खाई?" आफन्ती ने पूछा।


"नहीं. ऐसी कोई बात नहीं। मैंने सिर्फ एक रोटी खाई है, जिस पर फफूंदी लगी हुई थी।"


यह सुनकर आफन्ती ने बिना कुछ कहे अपना दवाइयों का सन्दूक खोला और उसमें से आंख की दवा निकाल ली।


"सिर ऊपर उठाओ और आंखें खोलो। मैं तुम्हारी आंखों में दवा डालना चाहता हूं." आफन्ती ने मरीज से कहा।


"आफन्ती साहब, आप गलत समझ रहे हैं। मुझे पेट की बीमारी है, आंखों की नहीं!" मरीज चिल्लाया।


"मैं ठीक समझ रहा हूं." आफन्ती बोला। "अगर तुम्हारी आंखें ठीक होतीं, तो इतनी बड़ी उम्र में फफूंदी वाली रोटी न खाते!"

Comments

Popular posts from this blog

बादशाह के कठिन सवाल और आफनती

मुर्ख बनाने वाली गियान की बातें

मूर्ख बादशाह और आफनती

अन्दर रहना ठीक नहीं हिंदी कहानी

खुदा का पैगाम हिंदी मजेदार कहानियां

खरबूजों के दाम हिंदी कहानी

खिड़की पर सिर देसी कहानियाँ

सबसे ज्यादा खुशी का दिन

तपस्या का बेहतरीन तरीका कहानी

उड़ने वाला घोड़ा देसी कहानियाँ