खुदा का पैगाम हिंदी मजेदार कहानियां
खुदा का पैगाम हिंदी मजेदार कहानियां
आफन्ती बहुत गरीब था। उसे अक्सर खाने के लाले पड़ जाते थे। एक दिन वह बाजार गया और हांक लगाने लगाः
"मैं खुदा का हरकारा हूं, खुदा का हरकारा हूं!"
एक सिपाही ने उसकी हांक सुन ली और काउन्टी-मजिस्ट्रेट के पास रिपोर्ट कर दी। मजिस्ट्रेट ने आफन्ती को बुलाने के लिए फौरन आदमी भेज दिया। जब आफन्ती को उसके सामने पेश किया गया, तो उसने पूछाः
"अगर तुम खुदा के हरकारे हो, तो यह बताओ कि खुदा ने मेरे लिए क्या पैगाम भेजा है?"
"खुदा ने आपके लिए बहुत अच्छा पैगाम भेजा है।" आफन्ती बोला। "मगर पहले मेरे लिए कुछ खाना मंगवा दीजिए। खाना खाकर इतमीनान से बता दूंगा।"
मजिस्ट्रेट खुदा का पैगाम सुनने के लिए बेताब था। इसलिए उसने फौरन अपने नौकर-चाकरों को अच्छे-अच्छे पकवान लाने का हुक्म दिया। आफन्ती ने हचक कर खाया। जब पेट भर गया तो धीरे से बोला:
"खुदा ने अपने पैगाम में कहा है: आफन्ती, मजिस्ट्रेट से कहना कि उसने अवाम की खून-पसीने की कमाई पूरी तरह हड़प ली है और अब जनता के पास फूटी कौड़ी भी बाकी नहीं रह गई है। इसलिए वह उन्हें अच्छा-अच्छा खाना खिलाए।"
बददुआ
एक बार आफन्ती ने प्रधान मंत्री से मजाक में कहा कि वह अगले दिन मर जाएगा। संयोग से दूसरे दिन प्रधान मंत्री घोड़े से गिरकर सचमुच चल बसा। यह जानकर बादशाह गुस्से से आगबबूला हो गया। उसने आफन्ती को फौरन पेश करने का हुक्म दिया। जब आफन्ती आ गया, तो बादशाह कड़कती आवाज में
बोला:
"आफन्ती, तुम्हारी ही बद्दुआ से प्रधान मंत्री की मौत हुई है। जानते हो तुम्हें इसकी क्या सजा दी जाएगी?"
"चूंकि आप कहते हैं कि प्रधान मंत्री की मौत मेरी बद्दुआ से हुई है, इसलिए आप जो भी सजा देंगे, मुझे मंजूर है," आफन्ती ने उत्तर दिया।
"ठीक है." बादशाह बोला, "अगर तुम यह जान सकते हो कि प्रधान मंत्री कब मरेगा, तो यह भी जान सकते हो कि तुम खुद कब मरोगे। जल्दी बताओ, तुम खुद कब मरोगे? अगर न बता सके तो आज ही दोजख में भेज दिए जाओगे!"
"नहांपनाह, मैं आपसे ठीक दो दिन पहले मरूंगा।" आफन्ती ने फौरन उत्तर दिया।
बादशाह खुद निश्चित रूप से लम्बी उम्र पाना चाहता था इसलिए उसे आफन्ती को छोड़ना पड़ा।
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