सच्ची बातें आफनती के किस्से कहानी हिंदी

 सच्ची बातें आफनती के किस्से कहानी हिंदी 


एक बार बादशाह अपनी रिआया का हालचाल मालूम करने के इरादे से आफन्ती के घर गया। वह बोला:


"आफन्ती, जरा मुझे अपनी जमीन तो दिखाओ!"


"मेरी सारी जमीन होजा के कब्जे है," आफन्ती ने उत्तर दिया।


"तुम्हारा अनाज कहां है?"


"सारा अनाज आपके महल में पहुंचा चुका हूं।"


"तुम्हारे मकान की छत कहां है?"


"उसे साहूकार उठा ले गया है।"


"तुम्हारे घर का फर्नीचर कहां है?"


"उसे काजी उठा ले गया है।"


"तुम्हारा बेटा कहां है?"


"जिला अधिकारी के जुल्म की वजह से उसकी मृत्यु हो गई है।"


"और तुम्हारी पत्नी कहां है?"


"इस डर से कि उसे देखकर कहीं आप रीझ न जाएं, मैंने उसे छिपा दिया है।"


"तुम्हारी हर बात झूठी है, आफन्ती! आखिर तुम्हें मेरे सामने झूठ बोलने की जुर्रत कैसे हुई?" बादशाह ने गरजकर कहा।


"नहीं जहांपनाह, ये सब बातें सच्ची हैं।" आफन्ती ने उत्तर दिया। "अगर मैं झूठ बोलता, तो आप शायद इतने गुस्से में न - आते!"

Hindi Kahani

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