सच्चे दोस्त आफनती के किस्से कहानी हिंदी
सच्चे दोस्त आफनती के किस्से कहानी हिंदी
जब आफन्ती काजी बन गया, तो उसके साथ दोस्ती बढ़ाने वालों में होड़ होने लगी। किसी ने उससे कहा:
"तुम कितने मजे में हो, आफन्ती! अब तुम्हारे इतने सारे दोस्त हो गए हैं।"
आफन्ती ने जवाब दियाः
"मेरे सच्चे दोस्त कितने हैं, इसका पता लगाना मुश्किल है।
यह सिर्फ तभी पता चलेगा जब मैं काजी नहीं रहूंगा।"
बादशाह का सलाहकार
एक दिन किसी मंत्री ने बादशाह से आफन्ती की सिफारिश को और कहा:
"जहांपनाह, आफन्ती बहुत बड़ा आलिम-फाजिल हैं। वह न सिर्फ बहस-मुबाहिसा करने में माहिर है, बल्कि बेइन्तहां सूझबूझ वाला आदमी भी है। आप उसे अपना सलाहकार क्यों नहीं नियुक्त कर लेते?"
"ठीक है," बादशाह राजी हो गया। उसने आफन्ती को बुलाने के लिए फौरन आदमी भेज दिया।
"आफन्ती," बादशाह ने पूछा, "मैं चाहता हूं कि मेरी रिआया खुशहाल हो जाए। इसके लिए मुझे क्या-क्या उपाय करने चाहिए?" "जहांपनाह, आप इसके लिए बहुत से उपाय कर सकते हैं। सवाल सिर्फ यह है कि आप उन्हें करना चाहते हैं या नहीं?" आफन्ती ने गम्भीरता से कहा। "अगर आप वह तमाम अनाज और पैसा, जिसे आपके हुक्म पर अवाम से वसूल किया जाता है, लोगों को वापस लौटा दें, तो क्या आपकी रिआया जल्दी ही खुशहाल नहीं हो जाएगी?"
भेड़िये से कम नहीं
एक जिला अधिकारी ने एक बकरी को भेड़िये के हमले से बचा लिया और उसे अपने घर ले गया। घर पहुंचते ही उसने बकरी को मारने के लिए गंडासा निकाल लिया। बकरी जोर से मिमियाने लगी। उसकी पुकार पड़ोस में आफन्ती ने सुन ली।
जब आफन्ती जिला अधिकारी के पास पहुंचा, तो वह बोलाः
"इस बकरी को मैंने भेड़िये से अभी-अभी बचाया है।"
"लेकिन यह तुम्हें कोस क्यों रही है?"
"कहां कोस रही है?"
"क्यों नहीं कोस रही? कह रही है, तुम भी भेड़िये से कम नहीं हो,,,
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