बादशाह का राशिचिन्ह किस्से कहानियाँ

 बादशाह का राशिचिन्ह


एक बार बादशाह ने मांग की कि आफन्ती उसका राशिचिन्ह बताए। आफन्ती हिसाब लगाकर बोला: "जहांपनाह, आपका राशिचिन्ह कुत्ता है।"


बादशाह ने बौखलाकर कहा: "मैं बादशाह हूं। मेरा राशिचिन्ह कम से कम भेड़िया तो जरूर होना चाहिए। तुम कुत्ता कैसे बता रहे हो?"


आफन्ती ने उत्तर दियाः "जहांपनाह, अगर आप चाहते हैं कि मैं आपके तलवे चाटू, तो मैं आपका राशिचिन्ह हाथी भी बता सकता हूं!"


साफे का दम


एक बार आफन्ती अपने सिर पर एक मोटा-सा साफा पहनकर सड़क पर जा रहा था। साफा आम तौर पर सिर्फ पढ़ेलिखे लोग ही पहनते थे। उसे देखकर एक आदमी नम्रता से बोला:


"जनाब आलिम-फाजिल साहब, मेहरबानी करके मेरा यह खत तो पढ़ दीजिए।"


"माफ करो भाई। मेरे लिए काला अक्षर भैंस बराबर है," आफन्ती बोला।


"तकल्लुफ क्यों कर रहे हैं जनाब?" जब आप इतना बड़ा साफा पहने हुए हैं, तो यह कैसे मुमकिन है कि आप पढ़ना-लिखना न जानते हों?"


यह सुनकर आफन्ती हंस पड़ा। उसने साफा उतारकर उस आदमी के सिर पर पहना दिया और बोला:


"बहुत अच्छा, अगर मेरे साफे में इतना दम है कि इसे पहनकर विद्या अपने आप आ जाएगी, तो लो यह साफा तुम पहन लो और अपना खत खुद पढ़ लो!"

Kisse kahaniya

Comments

Popular posts from this blog

बादशाह के कठिन सवाल और आफनती

मुर्ख बनाने वाली गियान की बातें

मूर्ख बादशाह और आफनती

अन्दर रहना ठीक नहीं हिंदी कहानी

खुदा का पैगाम हिंदी मजेदार कहानियां

खरबूजों के दाम हिंदी कहानी

खिड़की पर सिर देसी कहानियाँ

सबसे ज्यादा खुशी का दिन

तपस्या का बेहतरीन तरीका कहानी

उड़ने वाला घोड़ा देसी कहानियाँ